एक मुखी रुद्राक्ष का महत्व
ये रुद्राक्ष परम शिव की शक्ति का कारक है जो कि जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाता है. इसे मोक्ष प्राप्ति का सबसे सरल साधन कहा जा सकता है. एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आध्यात्मिक कार्यों में रूचि बढ़ती है और साथ ही धारणकर्ता को भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होती है
एक मुखी रुद्राक्ष कौन धारण कर सकता है?
एक मुखी रद्राक्ष कौन कर सकता है धारण? यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हो अथवा अस्त तो एक मुखी रुद्राक्ष का धारण करना चाहिए. इसके अतिरिक्त यदि किसी क्रूर ग्रह की दशा या अंतर्दशा चल रही है तो भी 1 मुखी रुद्राक्ष को पहना जा सकता है. इसको धारण करने से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं.
एक मुखी रुद्राक्ष मिलने से क्या होता है?
माना जाता है कि एकमुखी रुद्राक्ष में साक्षात भगवान शिव का वास होता है। पद्म पुराण के अनुसार, एकमुखी रुद्राक्ष समस्त पापों का नाश करने वाला है। मान्यता है कि इस रुद्राक्ष को धारण करके भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति को सत्य का ज्ञान प्राप्त होता है।
जिस घर में यह होता है उस घर में लक्ष्मी विशेष रूप से विराजती हैं। यह धारणकर्ता को सभी प्रकार के नुकसान तथा भय से दूर रखता है, जिसके साथ स्वयं भगवान शिव रहते हों उसे भला क्या प्राप्त नहीं हो सकता है। एक मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम, सर्वमनोकामना सिद्धि, फलदायक और मोक्षदाता है। इसे सभी रुद्राक्षों में सर्वश्रेठ माना गया है।
कब धारण नहीं करना चाहिए रुद्राक्ष
भगवान शिव को जीवन और मृत्यु से परे माना जाता है. इसलिए उनके अंश माने जाने वाले रुद्राक्ष को पहनकर शवयात्रा या जहां बच्चे का जन्म हुआ हो उस कक्ष में नहीं जाना चाहिए. ऐसा करने से इसकी शक्तियां कम हो जाती है. सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए.